बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
प्रदेश में पिछले 15 दिन से हडताल पर बैठे रोडवेज कर्मियों की मांग को लेकर वरिष्ठ इनेलो नेता पूर्व विधायक नफे सिंह राठी का खुलकर समर्थन करते हुए सरकार को हडताली कर्मियों से समझौते की नसीहत दी है। पूर्व विधायक ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए निजी बस परमिट में प्रति किलोमीटर स्कीम को बडा घोटला करार दिया है। राठी का कहना है कि भाजपा सरकार झूठे सब्जबाग दिखाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है जबकि निजी बस परमिट के नाम पर सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पडेगा और सरकार को इससे लाभ की बजाए नुकसान ही होगा।
यह बात पूर्व विधायक ने अपने रोहतक रोड स्थित कार्यालय पर आयोजित पत्रकारवार्ता में कही। पूर्व विधायक नफे सिंह राठी ने कहा कि मौजूदा सरकार के अनुसार सरकारी रोडवेज की बस को चलाने में लगभग 48 रुपये प्रति किलोमीटर का खर्चा आता है जबकि प्राईवेट बसों को चलाने के लिए सरकार द्वारा दिए गए टैंडरों के अनुसार लगभग प्रति किलोमीटर 37.30रुपये खर्च आएगा। जबकि यह तथ्यों से दूर है। हकीकत में सरकार को यह खर्चा बस मालिक को देने के बाद प्रति बस कंडक्टर सहित अन्य खर्चा पर करीब 16 रुपये अतिरिक्त वहन करने होंगे। इससे कुल खर्च प्रति किलोमीटर 53 रुपये से अधिक होगा। इस प्रकार सरकार को 5 रुपये प्रति किलोमीटर अधिक प्रत्येक बस पर नुकसान झेलना पडेगा। इस दौरान पार्षद रमन यादव, सोनू सैनी, रतन सिंह मोर, बलबीर सांगवान, सुनील नंबरदार, प्रवीन, दिनेश राठी भी मौजूद रहे।
टैंडर प्रणाली पर उठाए सवाल
पूर्व विधायक ने सरकार की टैंडर प्रणाली पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि गुडगांव में एक जगदीश नामक व्यवसायी ने पांच बसों के लिए 31.70 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से टैंडर भरा था। मगर वहां पर संजीव एंड बिंद्रा कंपनी को 37.10 रुपये प्रति किलोमीटर दर से 35 बसों का टैंडर अलॉट कर दिया। जबकि जगदीश का टैंडर उठवा दिया गया। सवाल उठता है कि कम रेट वाले टैंडर किस दबाव में वापस कराया गया। प्रदेश भर में 700 बसों के टैंडर के नाम पर 510 बसों के टैंडर स्वीकृत हुए है। इसी प्रकार उन स्थानों पर कम रेट वाले टैंडर उठवाने की शिकायतें मिल रही है। जिनकी जांच की जानी चाहिए।
कर्मचारियों की मांगे माने सरकार
हडताली कर्मियों को इनेलो पार्टी की ओर से समर्थन देते हुए पूर्व विधायक नफे सिंह राठी ने कहा कि सच की लडाई लड रहे रोडवेज कर्मचारियो के साथ इनेलो खडी है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब प्रदेश में रोडवेज कर्मियो की हडताल 15 दिनों से जारी है। यह केवल सरकार की हठधर्मिता व जिद्द का नतीजा है। पूर्व विधायक ने मांग की है कि जनता के हित में और चहेतों को लाभ पहुंचाने की मंशा को त्याग कर सरकार को चाहिए कि वह रोडवेज कर्मियों से बातचीत कर समस्या का समाधान करे। उनकी मांगे मानते हुए निजी बस परमिट स्कीम को निरस्त करे।