बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मांडोठी स्कूल के प्राचार्य रवि धनखड़ के अनुसार स्कूल में जुलाई 2014 से वृक्षारोपण का कार्यक्रम शुरू किया गया था। तब से लेकर आज जुलाई 2018 तक 4000 पेड़ो की रुपाई की गई। सभी पेड़ों को सौ प्रतिशत जीवित रख कर प्रदेश में एक मिसाल कायम की है।
पेड़ो में जामुन, शहतुश, अर्जुन, नीम, बोटल ब्रुश, पीपल, बड़, शीशम व सफेदे के पेड़ लगाए गए हैं। पेड़ों में समय-समय पर नलाई व देशी खाद डालने का कार्य समय स्कूल स्तर पर किया गया है। पेड़ों को पानी देने के लिए स्कूल स्तर पर ही एक समरसेबल लगवाया गया है जिसका खर्चा स्कूल स्टाफ ने स्वयं वहन किया हैं। पेड़ो को पानी पहुँचाने के लिए जमीन के नीचे से पाईप लाइन बिछाई गई है।
पेड़ों के बीच झुंड,किकरो की सफाई करवाना ये सब कार्य स्कूल अपने स्तर पर ही करवाता हैं। पानी दूर तक पहुंचाने के लिए नालियों व कस्सी और दूसरे साधन भी स्वयं जुटाए गए हैं खरपतवार झुंड हटाने के लिए दवाइयों का स्प्रे करवाया जाता है। किसी भी पेड़ पर यदि कोई बीमारी या कोई कीड़ा लग जाता है तो उस पर दवाई का छिड़काव किया जाता है ताकि पेड़ों को बचाया जा सके।
बच्चों में पर्यावरण के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए इस कार्य में बच्चों को भी शामिल किया गया है। ताकि बच्चों में पर्यावरण शुद्धि के साथ-साथ श्रमदान का भी महत्व समझ में आये। जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा नीति के अनुसार जो बच्चा पेड़ लगाएगा और उसको पा लेगा उसके खाते में 6 महीने में ₹50 आएंगे इस नीति से बच्चों में काफी खुशी है। आज बच्चे पेड़ों को लगाने व पालने में रुचि ले रहे हैं।
जुलाई 2014 से पहले 10 एकड़ के स्कूल में केवल 14 सफेदे के पेड़ थे जो अब स्कूल ने एक बाग का रूप ले लिया है। स्कूल में ‘मयूर इको क्लब’ का गठन किया गया जिसके इंचार्ज गणित अध्यापक पुरुषोत्तम छिकारा कानोंदा को बनाया हुआ है जो सभी अध्यापकों व बच्चों के सहयोग से इस बागवानी को दिन-प्रतिदिन बढ़ाने का कार्य करते रहते हैं। पहले स्कूल में पशु आवारा घूमते रहते थे चारदीवारी टूटी पड़ी थी पढ़ाई में अनुशासन का कोई नाम तक नहीं था।
प्राचार्य रवि धनखड़ के आने से स्कूल में पिछले कई सालों से बोर्ड परीक्षाओं में मेरिट भी आने लगी है जिससे छात्रों के साथ साथ उनके माता-पिता में भी काफी खुशी है।
बच्चों में संस्कार में नैतिक मूल्य बढ़ाने के लिए प्रताप अपने स्तर पर भी प्रयासरत रहता है। बच्चों ने खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। मांडौठी कुश्ती प्रेमी गांव होने के कारण यहां के बच्चे कुश्ती में अधिक रुचि रखते हैं।
पिछली बार पांचवी कक्षा के बच्चों ने खो खो की टीम में खेलते हुए स्टेट स्तर तक पहुंची थी। यहां गांव से 22 मौजिज व्यक्तियों की स्कूल सुधार के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है। जो समय समय पर स्कूल में सहयोग देते रहते हैं।
या कंप्यूटर लैब को अच्छी तरह बनाने के गांव के ही एक व्यक्ति रामचंद्र दलाल जो काफी समय से आस्ट्रेलिया में रहते हैं। इस कम्प्यूटर लैब को स्थापित करवाने में उन्होंने अपने स्तर पर रूपये 90,000 सहयोग के रूप में दिए गए ताकि स्कूल के विद्यार्थी ढ्ढञ्ज स्तर पर अपनी शिक्षा ग्रहण कर सकें वह इसी स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं। स्कूल की कमजोर बिल्डिंग होने के कारण प्राचार्य ने इनको 3 साल पहले तुड़वा दिया गया था। जो बिल्कुल जर्जर अवस्था में थी जानकारी के अनुसार उन्होंने बताया कि नया भवन जल्दी बनने वाला है जिसके लिए सरकार से 2 करोड़ 72 लाख रुपये मंजूर हो चुके हैं ताकि बच्चे नई बिल्डिंग बनने के बाद उसमें शिक्षा ग्रहण कर सकें।
प्राचार्य रवि धनखड़ ने बताया कि झज्जर उपायुक्त महोदय सोनल गोयल के पौधागीरी प्रोग्राम के तहत पौधरोपण कार्यक्रम से जागरूक होकर इस वर्ष भी स्कूल द्वारा पौधे लगाने का कार्य किया गया। उन्होंने पेड़ो की बागवानी के लिए उपायुक्त महोदय को दिखाने का निमंत्रण भी दिया ताकि जिला स्तर पर पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़े। इस अवसर पर प्राचार्य रवि धनखड़, सतबीर, रविकिरण, मीना कुमारी, सुरेश शास्त्री, सुखबीर, नीलम, विनीत मित्तल, जयपाल, पीटीआई राजेश, मनीषा, आर्यव्रत, सुरेश पहलवान, सुमित, राजेश, हरेंद्र, मा0 पुरुषोत्तम छिकारा, दर्शना, समीक्षा, नरेश, चरणे आदि स्टाफ मौजूद रहा।

