बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
भाजपा वरिष्ठ नेत्री व नगर पार्षद डॉ. नीना सतपाल राठी ने कारगिल विजय दिवस पर देश के लिए कुर्बान हुए जाबांज जवानों की शहादत को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारतीय सेना, शौर्य, साहस, पराक्रम व बलिदान का प्रतीक है। देश की सीमाओं पर सीना ताने प्रहरी के रूप में मौजूद हमारे बहादुर सैनिकों की वजह से ही आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है कि जब-जब भी देश की सीमा पर किसी ने बुरी नजर डाली है तब-तब हमारे देश के वीर जवानों ने अपने पराक्रम से दुश्मनों को कड़ा सबक सिखाया है और अपने प्राणों को सर्वाेच्च बलिदान भी दिया है।
डॉ. नीना सतपाल राठी ने कहा कि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। यह कारगिल विजय दिवस हमारे हौंसले बुलंद करता है। इस दिन को ही भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए ऑपरेशन विजय को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार 1999 में पाकिस्तान की कायराना हरकत का करारा जवाब देते हुए भारतीय सेना ने उसे रणभूमि में धूल चटा दी थी ठीक उसकी प्रकार चीन को करारा सबक सिखाने में हमारी सेना पीछे नहीं है। 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लगभग 2 माह तक चले कारगिल युद्ध में हमारे देश के काफी जाबांज शहीद हुए। 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को परास्त कर विजय हासिल की थी। इस दिन को पूरे भारतवर्ष में कारगिल विजय दिवस के रूप में याद करते हैं। इसमें भारतीय सेना के जाबांज जवानों ने जो पराक्रम दिखाया उसे हर भारतीय गर्व से याद करता है और अपने मातृभूमि के खातिर मर मिटने वाले अमन सपूतों को श्रद्धा से नमन भी
करता है। इस युद्ध के दौरान झज्जर जिले के भी 11 वीर सपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि झज्जर जिला वीरों की भूमि है। यहां के वीर जवानों ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। उनका बलिदान जिलावासियों को गर्व और गौरव की अनुभूति का अहसास करने का अवसर प्रदान करता है।
जिले के इन वीर सपूतों ने दी थी शहादत
कारगिल युद्ध में शहादत देने वीर सपूतों को नमन करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेत्री डॉ. नीना सतपाल राठी ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान बहादुरगढ़ के गांव बराही निवासी कैप्टन अमित वर्मा, जाखौदा निवासी सहायक कमांडेंट आजाद सिंह दलाल, सौलधा से नायक रामफल, निलौठी से लांसनायक श्याम सिंह, देशलपुर से हवलदार जयप्रकाश सिंह, जैतपुर से सिग्नलमैन विनोद कुमार, सुबाना से ग्रेनेडियर सुरेंद्र सिंह, झांसवा से लांस नायक राजेश, जटवाड़ा से नायक लीला राम, ढाकला से सिपाही धमवीर व खुंगाई से हवलदार हरिओम ने अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। उन्होंने कहा कि अमर शहीद किसी क्षेत्र, जाति या धर्म विशेष के नहीं बल्कि पूरे देश के गौरव होते हैं। शहीदों की गौरव गाथा हमारी युवा शक्ति में भी देश के प्रति जज्बा पैदा करती है। उन्होंने कहा कि पूरे देश को अपने सैनिकों पर नाज है। युवा पीढ़ी को अपने वीर शहीदों के बलिदान से देशभक्ति की प्रेरणा लेनी चाहिए। वरिष्ठ भाजपा नेत्री ने कहा कि सरकार ने शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों, युद्ध वीरांगनाओं, वीर सैनिकों व पूर्व सैनिकों को पूरा मान-सम्मान देने का काम किया है।