बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
बहादुरगढ़ शहर के सामाजिक कार्यकर्ता आरटीआई एक्टिविस्ट राहुल मंडोरा ने बताया कि ट्रैफिक सिग्नल के विषय में एक आरटीआई नगर परिषद बहादुरगढ़ में दिनांक 10/ 11/ 2017 को लगाई थी जिसमें नगर परिषद अधिकारियों से शहर में लगे ट्रैफिक सिग्नल के विषय में पूछा गया था कि इन लाइटों में कितना पैसा खर्च किया गया और यह लाइट कहां कहां लगाई गई लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों ने कोई सूचना नहीं दी तब प्रथम अपील की एसडीम महोदय को लेकिन वहां पर भी कोई सूचना नहीं मिलने पर राज्य सूचना आयोग में अपील की तब कहीं जाकर नगर परिषद के अधिकारियों ने सूचना दी। सूचना के अनुसार नगर परिषद बहादुरगढ़ ने शहर के ट्रैफिक सिग्नल चार स्थानों पर- झज्जर रोड- बादली रोड- रेलवे रोड नाहरा नाहरी रोड पर ट्रेफिक सिगनल लाइट लगाई जिसका लगाने का ठेका सैनीको इलेक्ट्रिकल पटियाला को दिया हुआ था जिस पर नगर परिषद ने 1849700 रुपए की धनराशि खर्च की । सामाजिक कार्यकर्ता आरटीआई एक्टिविस्ट राहुल मंडोरा का कहना है कि 1849000 रुपए खर्च करके भी बहादुरगढ़ शहर को ट्रैफिक सिग्नल के रूप में सिर्फ शो पीस ही मिले हैं । बहादुरगढ़ के ट्रैफिक सिग्नल पर यही पर खर्चा पूरा नहीं होता पीडब्ल्यूडी ( बी एंड आर) से मिली आरटीआई के अनुसार शहर के झज्जर चौक पर ट्रैफिक सिग्नल के लिए संगम बॉक्स बनाए गए हैं जिन पर ₹142064 खर्च किए गए अब बहादुर गढ शहर के ट्रैफिक व्यवस्था पर 1991764 रुपए खर्च करने के बाद भी हाल वैसा ही है जैसा कि ढाक के तीन पात लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी बहादुरगढ़ की जनता को ट्रैफिक सिग्नल जो कि ट्रैफिक नियमों के मुख्य नियम है वहीं ही शुरु नहीं हो पा रहे तो कैसे कह दें कि बहादुरगढ़ में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी नहीं हो रही है । सामाजिक कार्यकर्ता में आरटीआई एक्टिविस्ट राहुल मंडोरा का कहना है कि 1991700 रु ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने में लगे लेकिन किसी भी तरह का कोई लाभ नहीं मिल पाया। कहीं ऐसा ना हो कि यह ट्रैफिक सिग्नल शो पीस बनकर ना रह जाए जिस तरह की 2470000 के मल्टी लेवल पार्किंग की मशीन जो कि आज धूल फांक रही है पुराने कोर्ट के बाहर।