बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
क्लाइमेट कांउसलर गीताश्री सैनी का कहना है कि प्रतिवर्ष ज्येष्ष्ठ मास की एकादशी पर शहर में जगह-जगह छबील व भण्डारे लगाए जाते हैं। इन छबील व भण्डारों में सेवा कार्य समाप्त होने पर विभिन्न स्थानों पर गंदगी देखी जाती है। सैनी ने कहा कि एक तरफ तो लोग पुण्य कमाना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ वसुंधरा को दूषित कर रहे हैंं, ऐसे घार्मिक कार्य का कोई लाभ नहीं। गीताश्री व आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्यों का कहना है कि लोग सेवा में भारी मात्रा में प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं, जोकि सेहत के लिए हानिकारक है। उन्होंने आह्वान किया कि लोग पतल, स्टील या कुल्हड़ का विकल्प ले, जिससे कि पर्यावरण साफ-सूथरा रहे। बता दे कि गत एकादशी को टीम ने श्री श्री रविशंकर के आर्शीवाद से बस स्टेंड पर सेवा कि थी। जिसमें न केवल प्लास्टिक को दूर रखा गया एवं सफाई का भी खास ख्याल रखा गया। गीताश्री ने कहा कि आज लोगों को जागरूकता से कार्य करने की जरूरत है। क्लाइमेट काउंसलर ने कहा कि जो लोग पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं, उनपर सरकार को सख्त कार्यवाई कर जुर्माना लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते सही कदम नहीं उठाए गए तो आने वाला कल प्रलयीय होगा। पर्यावरण की रक्षा करना हम सब की जिम्मेदारी है।
