बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
नगर परिषद की बजट बैठक शुक्रवार 13 अप्रैल को बुलाई गई है। एक दर्जन पार्षदों व पार्षद प्रतिनिधियों का कहना है कि नगर परिषद के पदाधिकारियों व अधिकारियों ने इस बैठक के आयोजन में भी जमकर धांधली बरती है। जिसके विरोध में बृहस्पतिवार को एक दर्जन से अधिक पार्षदों ने जिला उपायुक्त व नप के कार्यकारी अधिकारी को शिकायत देकर हस्तक्षेप की मांग की है।
बता दें कि नप के कार्यकारी अधिकारी ने शुक्रवार को प्रस्तावित बजट बैठक के लिए करीब 6 अप्रैल को सभी पार्षदों के पास एक पेज की लिखित सूचना भेजी। लेकिन इसके साथ ना तो वर्ष 2017-18 का आय-व्यय और ना ही वर्ष 2018-19 की अनुमानित आय तथा व्यय का ब्यौरा भेजा। ऐसे में जनता द्वारा चुने गए पार्षद शहर के विकास के लिए क्या चर्चा करें, यह समझ से बाहर है। जब यह मामला उठाया गया तो 11 अप्रैल की रात और 12 अप्रैल की सुबह कुछ पार्षदों के पास बजट बैठक को लेकर विवरण भेजा गया। लेकिन नियमानुसार किसी भी विशेष बैठक से 48 घंटे पूर्व यह सभी पार्षदों को मिलना चाहिए। बृहस्पतिवार को जिला उपायुक्त सोनल गोयल से मुलाकात कर पार्षद संदीप कुमार, प्रेमचंद, राममूर्ति के पुत्र मुक्की, प्रवीण राठी, बिमला हुड्डा के पुत्र सोनू, लक्ष्मी सहवाग के पति समुंद्र सहवाग, सीमा राठी के पति वजीर राठी, मोनिका राठी के पति कपूर राठी, गुरदेव राठी, रमिता चुघ के पति सुरेंद्र चुघ, रमन यादव, रेखा दलाल के पति सोनू दलाल, मोनिका गर्ग के पति गजानंद गर्ग, नीना राठी के पति सतपाल राठी व शशि कुमार ने इसे पालिका अधिनियम की मूल भावना का हनन बताया। साथ ही उन्होंने बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग करवाने तथा उसी समय कार्यवाही पुस्तिका में प्रोसिडिंग दर्ज करने की मांग करते हुए कहा कि पिछली दो-तीन बैठकों में मनमाने तरीके से फर्जी एंट्रियों कर कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। कार्यकारी अधिकारी अपूर्व चौधरी को शिकायत देते हुए पार्षदों ने बताया कि पालिका अधिनियम की धारा 9 (3) के अनुसार तीनों मनोनीत पार्षदों को वोट का अधिकार नहीं है, ऐसे में कोरम में उनकी गिनती नहीं की जा सकती। नगर परिषद में नियमों की पालना सुनिश्चित की जाए।
