बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
क्लीन एंड ग्रीन एसोसिएशन ने संघर्षशील जनकल्याण सेवा समिति के साथ मिलकर देवी लाल पार्क में भरपूर उत्साह से अप्रैल कूल डे मनाया। इस मौके पर लगभग 20 पेड़ पौधे लगाकर उनमें पानी डाला गया। इसके साथ साथ अग्रवाल कॉलोनी सुधार समिति, परशुराम सेवा समिति व बहादुरगढ़ की अनेक सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर अप्रैल कूल डे को मनाया।
1 अप्रैल को लोग अप्रैल फूल डे के नाम से मनाते हैं, जबकि ये विचार किया गया कि क्यों ना हम अपने पर्यावरण के प्रति जागरूक होकर, अप्रैल फूल डे न मनाकर अप्रैल कूल डे के नाम से मनाये। इसके अंतर्गत 1 पेड़ सभी को लगाना था जिससे हमारा पर्यावरण हरा भरा बने और हमें स्वच्छ हवा मिल सके।
किसी को मूर्ख बनाने से अच्छा है कि हम मिलकर जो मूर्खता के काम कर रहे हैं वो न करके अपने पर्यावरण के प्रति जागरूक हों। तभी ये बात सार्थक होगी कि पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ, अपने शहर को मूर्ख नहीं, कूल बनाओ।
ये मुहीम सिर्फ बहादुरगढ़ तक ही सिमित नहीं रही बल्कि हैदराबाद, राजस्थान, गुजरात, अमृतसर, मणिपुर, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली के केंद्रीय विद्यालय के अध्यापकों द्वारा अपने अपने घरों के आस पास पेड़ पौधे लगाए गए।
इसके अतिरिक्त मेट्रो कॉलोनी बहादुरगढ़, मेट्रो स्टाफ, यमुना विहार, मुंडका, गुरुग्राम में भी लोगों ने पेड़ पौधे लगाए। इस मुहीम को सफल बनाने हेतु मोहित, मनमोहन अत्रि, दीपक, वेदव्रत दलाल, सतीश तहलान, दिनेश वसिष्ठ, रमन शर्मा, सोनू, नेहा व स्थानीय लोगों ने भी पेड़ पौधे लगाकर इस डे को कूल बनाने में सहयोग किया।
संस्था के द्वारा सभी लोगों से, सभी सामाजिक संस्थाओं से, सभी शहरवासी, ग्रामीणवासियों से अनुरोध किया गया था कि सभी अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाएं और जो लोग पेड़ नहीं लगा सकते उनसे निवेदन किया गया था कि आप पेड़ नहीं लगा सकते हो तो कोई बात नहीं बल्कि किसी एक पेड़ की सुरक्षा का संकल्प लें और उसे बड़ा होने में सहयोग करें। पूरे शहर ने इस मुहीम का समर्थन करते हुए अलग अलग जगहों पर अप्रैल कूल डे मनाया गया।
धरती का तापमान बढ़ता ही जा रहा है। जंगल समाप्त होते जा रहे हैं, वर्षा में कमी आती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि पेड़ों का कटन और प्रदूषण का बढ़ना। पेड़-पौधे वर्षा का कारण बन कर तो पर्यावरण की रक्षा करते ही हैं, इनमें कार्बनडाई ऑक्साइड जैसी विषैली, स्वास्थ्य विरोधी और घातक कही जाने वाली प्राकृतिक गैसों का पोषण और शोषण करने की भी बहुत अधिक शक्ति रहा करती है ।
आजकल नगरों, महानगरों, यहाँ तक कि कस्बों और देहातों तक में छोटे-बड़े उद्योग- धन्धों की बाढ़ सी आ रही है । उनसे धुआँ, तरह-तरह की विषैली गैसें आदि निकल कर पर्यावरण में भर जाते हैं । पेड़-पौधे उन विषैली गैसों को तो वायुमण्डल और वातावरण में घुलने से रोक कर पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया ही करते हैं, राख और रेत आदि के कणों को भी ऊपर जाने से रोकते हैं। हमारे पर्यावरण की रक्षा हो सके और इन सब समस्याओं से निजात मिल सके इसी को ध्यान में रखते हुए आज का दिन अप्रैल कूल डे के नाम से मनाया गया।
