बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
शहीद ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेडियम में हुआ पहला महिला भारत केसरी दंगल बुल्लड़ अखाड़ा की पहलवान रीतू दलाल ने अपनी प्रतिद्वंद्वी पहलवान पिंकी को हराकर जीत लिया। दंगल का पहला इनाम जो कि 1 लाख 6 हजार रूपए था वह मुख्य अतिथि एवं प्रदेश महिला कांग्रेस
महासचिव एवं पार्षद डा. नीना राठी व पंचायती राज प्रकोष्ठ महासचिव सतपाल राठी ने विजेता पहलवान को देकर बेटियों को प्रोत्साहित किया और शिक्षा के साथ-साथ खेलों व अन्य प्रतिस्पर्धात्मक गतिविधियों के आगे बढऩे के उनकी हौसलाअफजाई की। डा. नीना ने पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पदक लाओ-इनाम पाओ खेल नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी इस विकासात्मक सोच का ही परिणाम है कि आज प्रदेश की बेटियां खेलों में न केवल अपना, परिवार, बल्कि देश का नाम राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पटल पर चमका रही है। दंगल में कई कड़े मुकाबले देखने को मिले। महिला पहलवानों ने अपना दमखम दिखाते हुए एक से बढक़र एक दावपेंच दिखाकर दर्शकों का मनमोह लिया। कुश्ती खेल के प्रति लोगों में खासा उत्साह रहा। आयोजनकर्ताओं से लेकर दर्शक व अतिथि महिला पहलवानों को प्रोत्साहित करता दिखे। दंगल में भारत कुमारी, महिला बाल केसरी को लेकर भी कई कांटे के मुकाबले देखने को मिले। एक लाख के भारत केसरी दंगल की फाइनल कुश्ती का शुभारंभ प्रदेश महिला कांग्रेस महासचिव एवं पार्षद डा. नीना राठी एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सतपाल राठी ने पहलवानों का हाथ मिलाकर किया। उन्होंने महिला पहलवानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आज बेटियां अपनी प्रतिभा का सिक्का जमा रही हैं। कांग्रेस शासनकाल में जब चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने अपने 10 साल के कार्यकाल में खिलाडिय़ों को आगे बढऩे के अच्छे अवसर उपलब्ध कराए। उनके लिए कारगर खेल नीति बनाते हुए खेल कोटे से उनकी प्रतिभा के हिसाब से नौकरियां भी दी गई। पूर्व सी.एम. हुड्डा द्वारा बनाई गई खेल नीति का ही परिणाम है कि आज बेटियों में खेलों के प्रति जुनून जागा है। पदक लाओ करोड़ों के इनाम पाओ जैसी योजनाएं शुरू करके कांग्रेस ने बेटियों के सर्वांगीण विकास व उनको आगे बढऩे का सही रास्ता दिखाया। दंगल में पहुंचने पर मुख्य अतिथि डा. नीना राठी व सतपाल राठी का योजकों की ओर से सम्मान किया गया। उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। दंगल का आयोजन अर्जुन अवार्डी एवं डी.एस.पी. रमेश गुलिया (भुुरु पहलवान), मंदीप उर्फ डोलू पहलवान भारत केसरी रेवाड़ी खेड़ा व कुछ अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री एवं पार्षद डा. नीना राठी व सतपाल राठी ने कहा कि हार-जीत खेल का एक अह्म हिस्सा है। इससे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए र
आगे बढऩे के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। खेलों से जहां अनुशासन की भावना जागृत होती है वहीं भाईचारा भी कायम होता है। डा. नीना जो कि पहले ही महिलाओं को उनका हक दिलाने, सशक्त बनाने के लिए आवाज उठा रही है उन्होंने दंगल में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करते हुए बेटियों के मनोबल को बढ़ाने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज बेटियां व महिलाएं किसी क्षेत्र में कम नहीं है। चाहे खेल का मैदान हो या फिर चिकित्सा, विज्ञान एवं सौंदर्य प्रतियोगिताएं व अन्य प्रतिस्पर्धात्मक गतिविधियां हर जगह वे अपनी प्रतिभा का सिक्का जमाते हुए न केवल अपना व अपने परिवार का नाम रोशन कर रही है। कांग्रेस शासनकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने महिलाओं को पूरा हक दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए। उन्हें खेलों में अग्रसर करने के लिए पदक लाओ-इनाम पाओ के तहत प्रोत्साहित किया। जिसके बलबूते हरियाणा की बेटियां न केवल अपने प्रदेश बल्कि देश का नाम, शिक्षा, चिकित्सा, ज्ञान-विज्ञान, कुश्ती, निशानेबाजी, एथलेटिक्स, क्रिकेट, मुक्केबाजी व अन्य खेल स्पर्धाओं में चमका रही है। कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश शिक्षा व खेल हब के रूप में उभरकर सामने आया था। क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खिलाडिय़ों के लिए इनामों की बौछार कर खेल प्रतिभाओं को निखारने व उनको सही प्लेटफार्म दिलाने का काम किया। डॉ. नीना ने कहा कि कुश्ती हमारा प्राचीन खेल है। इस खेल के प्रति लड़कियों को लेकर पहले संकुचित थी लेकिन जब चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा सी.एम बने तो उन्होंने बेटियों को अग्रसर करने का काम किया। इसी की बदौलत आज बेटियां अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है। अब वे किसी से पीछे नहीं है। बहादुरगढ़ में हुए पहले महिला भारत केसरी दंगल जो कि 60 किलोग्राम भारवर्ग मेें हुआ उसमें विजेता रही पहलवान रितू दलाल जो कि बुल्लड़ अखाड़ा से थी उसे 1 लाख 6 हजार रूपए अपनी नेक कमाई से इनाम स्वरूप भेंट किए। दंगल में दूसरे स्थान पर बुल्लड़ अखाड़ा की ही पहलवान पिंकी रही तो तीसरे स्थान पर सत्यवान अखाड़ा की पहलवान निशा ने पाया। दूसरा इनाम जो कि 51 हजार रूपए था वह पार्षद प्रवीन राठी तो तीसरा इनाम 31 हजार जो कि कांग्रेस अल्पसंख्यक बोर्ड के चेयरमैन असलम खान ने विजेता महिला पहलवानों को दिया। दंगल के दौरान 50 किलोग्राम भारवर्ग में हिसार की पायल ने पहला, राठधाना की आरती ने दूसरा व छोटूराम स्टेडियम रोहतक की अन्नू पंघाल ने तीसरा स्थान पाया। 55 किलोग्राम भारवर्ग की कुश्ती में रोहतक से रीना प्रथम, जाखोदा से इंद् तोमर द्वितीय व एस.एस.बी. से साक्षी तृतीय स्थान पर रही। सभी विजेता खिलाडिय़ों को आयोजकों व अतिथियों की ओर से सम्मानित किया गया और उन्हें बधाई दी। साथ में जीत से पिछड़ गई पहलवानों को आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित भी किया।
-फोटो कैप्शन: भारत केसरी बनी पहलवान रीतू दलाल को पहला इनाम जो कि 1 लाख 6 हजार रूपए था भेंट करते डा. नीना राठी व सतपाल राठी।