बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
भगत सिंह पार्क में शहीद दिवस के अवसर पर गुुरुवार को एनएसयूआई व छात्र संघ द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वही जिला झज्जर व बहादुरगढ़ शहर में शहीद दिवस पर जगह-जगह कार्यक्रम हुए। देश की स्वतंत्रता के लिए हंसते-हसते फांसी का फंदा चूम अपने प्राणों की कुर्बानी देने वाले अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर छात्र नेताओ ने श्रद्धांजलि दी। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रवींद्र जून, जिला उपाध्यक्ष रोबिन जून व कॉलेज प्रधान संदीप दहिया द्वारा आजादी के लिए खुद को बलिदान करने वाले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को याद किया गया। साथ ही उनसे प्रेरणा लेने की बात कही गई।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रवींद्र जून ने कहा कि शहीदों ने देश के आजादी की खातिर प्राण न्यौछावर कर दिए। दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के राजनेता उनके सपनों के भारत का निर्माण अब तक नहीं कर पाए।
रवींद्र जून ने कहा कि सुखदेव, भगत सिंह, राजगुरु के बताए गए आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की शपथ ली। और हमेशा शहीदों को हमेशा याद करना चाहिए। जून ने कहा कि सिर्फ शहीदों के नारे बोलकर उन्हें जिंदा नहीं रखा जा सकता है। बल्कि उनके आदर्शों को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि छोटी उम्र में आजादी के दीवाने तीनों युवा अपने देश पर कुर्बान हो गए। आज भी ये तीनों युवा पीढ़ी के आदर्श हैं।
एनएसयूआई व छात्र नेताओं ने कॉलेज प्रधान संदीप दहिया के नेतृत्व में शहीद दिवस पर कॉलेज के बाहर शहीदों को नमन करते हुए एक विचार गोष्ठी का आयोजन कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्रधान संदीप दहिया ने कहा कि देश की आजादी के नायक भगत सिंह में देशभक्ति बचपन से ही कूट-कूट कर भरी हुई थी। संदीप दहिया ने कहा कि युवा पीढ़ी को क्रांतिकारियों के जीवन के बारे में जानकर देशसेवा की सीख लेनी चाहिए।
जिला उपाध्यक्ष रोबिन जून ने कहा देश की आजादी में युवाओं का बहुत बड़ा योगदान है। इसे भुलाया नहीं जा सकता सरदार भगत सिंह में बचपन से ही देश प्रेम की ज्वाला ज्वलंत थी। रोबिन जून ने कहा हम लोगों को अंग्रेजी सभ्यता को अपनाना सही नहीं है। इससे पूर्व सरदार भगत सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर– विशाल जून,विकास,रवींद्र, राधे,रोहताश, हरीश,नीरज,यश,साहिल,कृष्ण, आशीष,सुमित, मोहित, भूपेंद्र,श्याम, सोनू, योगेंद्र, मंजीत, राजबीर, परमजीत, जितेंद्र,आकाश, दीपांशु आदि मौजूद थे।