बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
बी एल एस तकनीकी एवं प्रबंधन संस्थान में तनाव प्रबंधन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता सदभावना प्रचार मंच के संस्थापक और मोटिवेशनल स्पीकर दीपक गोयल उपस्थित रहे | कार्यशाला में शरीर की स्वस्थता व दिमाग की एकाग्रता को बनाये रखे पर बल दिया गया | दीपक गोयल ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्तमान समय में बढ़तीप्रतिस्पर्धा तथा परस्पर प्रतियोगिता के युग में विद्यार्थी अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन को लेकर तनावग्रस्त हैं। यह तनाव जानेअनजाने में हम सभी के द्वारा उन्हें दिया जा रहा है। कई बार तो इस तनाव केकारण कुछ विद्यार्थी मानसिक अवसाद की स्थिति में आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। गोयल ने विद्यार्थियों को सरल तथा सहज तरीकों से तनावमुक्त होने के उपाय बताने के साथ ही उन्हें बताया गया कि कैसे सभी ध्यान लगाकर रूचि के साथ पढाई को ही अपनी रूचि बना सकते हैं |
दीपक गोयल ने कहा कि तनाव मनुष्य बड़ा दुश्मन है और तकरीबन 99 फीसदी तनाव जो हम महसूस करते हैं वह अनावश्यक है | इसका सबसे बड़ा कारण हमारी भागती दौड़ती जिंदगी की बिगड़ी हुई दिनचर्या , गलत खानपान , आधुनिक जीवन शैली है | गोयल ने कहा आज के आधुनिक युग में तकनीक का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कहीं ना कहीं तनाव का कारण बन रहा है | एक अनुसंधानके अनुसार एक आदमी हर 6 सेकेड में एक बार अपना मोबाइल फ़ोन चेक करता है और एक युवा दिन के 9 घंटे सोशल मीडिया पर बिताता है और इन सबके बिना वह एक पल भी नहीं रह सकता | युवाको यह पता नहीं है सोशल मीडिया की रूहानी दुनिया अवसाद का कितना बड़ा कारण बन सकती है और इन सबसे बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम तकनीक का अच्छा इस्तेमाल करें , उसके पूरे दिन रात गुलाम ना बनें | उन्होंने कहा बहुत से लोग सोशल मीडिया की अधिकता के कारण अपने परिवार के लिये समय नहीं दे पाते हैं, यह बात भी ठीक नहीं है, इसका भी संतुलन बनाए रखने की जरूरत है । गोयल ने कार्यशाला में विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान मन लगाकर दबाव रहित पढाई करने का मंत्र भी दिया |
कालेज के निदेशक डॉ नरेन्दर शर्मा ने कहा कि आज की व्यस्त दिनचर्या भी कहीं ना कहीं छात्र छात्राओं को तनावग्रस्त बना रही है। उनके खानपान की आदतों तथा अभिभावकों की अत्यधिकअपेक्षाओं के कारण विद्यार्थी तनावग्रस्त होते हैं। हमें चाहिए कि हम छात्र छात्राओं की इच्छा का सम्मान करे तथा उन्हें स्वयं उनका लक्ष्य निर्धारित करने दें। डॉ शर्मा ने कहा कि कक्षा में छात्र छात्राओं की एकाग्रता बढ़े और सभी अपने चेहरे पर मुस्कराहट लेकर जाएं यह बहुत जरूरी है। कक्षा का माहौल खुशनुमा होगा तो लर्निंग बेहतर होगी । कार्यशाला का संचालन सहायक प्रोफ़ेसर दीप्ति ने किया।इस दौरान समन्वयक डॉ संदीप लाल , हर्षवर्धन पाण्डे , जयवर्धन झा , हर्ष मेहन , कनिका, अंजू सोनी समेत सभी शिक्षक मौजूद रहे |