बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
नगर परिषद की बैठक किसी एक पार्षद या अध्यक्ष की बजाय पूरे शहर से चुने हुए पार्षदों की उपस्थिति में संपन्न होती है और पार्षदों के सहयोग की वजह से 8 दिसंबर को हुई मिटिंग में एजेंडे पास हुए है। जबकि नगर परिषद अध्यक्ष अखबारी बयानबाजी में ऐसे दिखाती है जैसे ये सब कुछ उन्होंने ही किया हो। दूसरी तरफ हकीकत तो यह है कि नगर परिषद में पार्षदों की समस्याओं के बारे में ना तो सुना जाता है और ना ही उनकी समस्याओं को हल करने के लिए उस बारे में कोई सार्थक पहल की जाती है। साथ ही उनकी समस्याओं को जानबूझकर अनदेखा कर दिया जाता है। यह आरोप आज वार्ड नंबर-15 की पार्षद मोनिका कपूर राठी ने लगाए।
उन्होंने कहा कि पार्षदों की समस्याओं को हल करने की बजाए अध्यक्ष द्वारा स्वयं अधिकारियों को फोन करके संबंधित पार्षदों के काम ना करने के लिए कहा जाता है। जो की सीधा अपने पद का दुरुपयोग करना बनता है। पार्षदों द्वारा बताए गए कार्य समय पर पूरे नहीं होने के लिए अध्यक्ष की ही जिम्मेवारी बनती है। वार्ड नंबर-15 की पार्षद मोनिका कपूर राठी ने कहा कि उनके वार्ड में कुछ गलियों के लिए तत्कालीन उपायुक्त महोदय ने अपनी स्वीकृति जनवरी 2017 को दे दी थी। जिसका टेंडर लगाने के लिए अध्यक्ष महोदय ने स्वीकृति सिर्फ इसलिए नहीं दी क्योंकि वो टेंडर वार्ड नंबर-15 से संबंधित था। बागवाले मोहल्ले एवं किला मोहल्ले की ये गलियां बनवाने के लिए हमने दो बार सीएम विंडों का सहारा लेना पडा। जिसकी वजह से टेंडर लगाने का ये काम सिरे चढ पाया।
