बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
लाइनपार के फ्रैंडस कॉलोनी में 3 दिन पहले गोवंश द्वारा टक्कर मारने से गंभीर रूप से चोटिल हुए शेर सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना से शहर के कई वार्डों के पार्षदों व अन्य लोगों ने प्रशासन के कागजों में शहरी क्षेत्र से स्ट्रे कैटल फ्री दावों को लेकर सवालिया निशान खड़ा किया है। वरिष्ठ कांगे्रसी नेता सतपाल राठी ने कहा कि शहर के अधिकांश वार्डों में दिन से लेकर रात तक गोवंश गलियों में घूमते रहते हैं लेकिन उनसे निजात दिलाने के लिए न तो सरकार व न ही प्रशासन की ओर से कोई उचित कदम उठाए जा रहे। बल्कि स्ट्रे कैटल फ्री को लेकर जो दावा प्रशासन की ओर से किया जा रहा है उसकी पोल हर वार्ड में कई-कई गोवंश के घूमते दिखते रहने के कारण खुलती नजर आ रही है। आए दिन किसी न किसी क्षेत्र में ये बेसहारा गोवंश राहगीरों व कॉलोनीवासियों को चोटिल भी कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से फिर भी कोई सुध तक नहीं ली जा रही। जिससे अब लोगों में रोष पनप रहा है। सतपाल राठी ने कहा कि लाइनपार निवासी शेर सिंह की मौत व एक अन्य व्यक्ति ज्ञानदत्त शर्मा को चोटिल करने के अलावा शहर के कई अन्य हिस्सों में हुए हादसों ने प्रशासन के स्टे्र कैटल फ्री मुहिम की भी हवा निकाल दी है। व्यक्ति की मौत से लोगों में रोष है। लोगों का कहना है कि स्टे्र कैटल मुहिम केवल कागजों में सफल हुई है, जमीनी स्तर पर इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। यदि प्रशासन से इस दिशा में सही ढंग से काम किया होता तो किसी की जान नहीं जाती। राठी ने डॉ. भीम राव अंबेडकर सभा के पदाधिकारी रहे डॉ. शेर सिंह के निधन पर शोक भी जताया।
कागजों में सफल हुई मुहिम
उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा कुछ समय पहले शहर में स्टे्र कैटल मुहिम शुरू की गई थी। इस मुहिम के तहत बेसहारा गोवंश को शहर से बाहर गोशालाओं में शिफ्ट करना था। शहरी क्षेत्र में बेसहारा गोवंश को उठाकर गोशालाओं में छोडऩा था लेकिन अभी तक लोगों को गलियों में घूमने वाले गोवंशों से अभी तक छुटकारा नहीं मिला है। जबकि प्रशासनिक अधिकारी इस मुहिम को सफल होने का दावा करते हैं। जबकि शहरी क्षेत्र में अब भी ये गोवंश हर कहीं पर दिन-रात दिखाई पड़ते हैं।
