बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
गायों की रक्षा करने के कारण भगवान श्री कृष्ण जी का अतिप्रिय नाम गोविन्द पड़ा। कार्तिक शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा से सप्तमी तक गो-गोप-गोपियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को धारण किया था। इसी समय से अष्टमी को गोपोष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा, जो कि अब तक चला आ रहा है। उक्त विचार नया गांव रोड स्थित सेठ रामअवतार गोयल गो एवं वन्य जीव उपचार केन्द्र में हवन यज्ञ के पश्चात गौधन सेवा समिति अध्यक्ष रमेश राठी ने व्यक्त किए। राठी ने बताया कि हिन्दू संस्कृति में गाय का विशेष स्थान हैं। गाय को माँ का दर्जा दिया जाता है क्यूंकि जैसे एक माँ का ह्रदय कोमल होता हैं, वैसा ही गाय माता का होता हैं। जैसे एक माँ अपने बच्चो को हर स्थिती में सुख देती हैं, वैसे ही गाय भी मनुष्य जाति को लाभ प्रदान करती हैं।
गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर उपचार केन्द्र में गौ पूजन का आयोजन किया गया। गौमाता पूजन कार्यक्रम में गौधन सेवा समिति सहित अनेक गोभक्तों ने उपस्थित होकर पूजा अर्चना की। गोपाष्टमी की पूजा विधि पूर्वक पंडित अमित मिश्रा द्वारा संपन्न की गई। हवन यज्ञ में जजमान के रूप में गोसेवक ईश्वर सिंह रहे। गोपाष्टमी की पूजा के बाद में सभी को गाय के दूध की खीर का प्रसाद वितरण किया गया। उपस्थित सभी गोभक्तों ने गौ माता का पूजन कर उसके वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक महत्व को समझ गौ रक्षा व गौ संवर्धन का संकल्प लिया। इस अवसर पर गौधन सेवा समिति के रमेश राठी, बिजेंद्र राठी, सुशील राठी, कृष्ण चावला, राजकुमार, अनिल खुराना, ललित यादव, ईश्वर सिंह, दलेल सिंह, सोनू बंसल, अमित आर्य सहित अनेक गोभक्त उपस्थित रहे।
