बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
सरकार द्वारा हरियाणा को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए काफी प्रयास किये जा रहे हैं। लेकिन बहादुरगढ़ में कुछ अधिकारी इस अभियान के लिए प्रचार तो जोर-शोर से कर रहे हैं पर ये अधिकारी धरातल पर इस अभियान को सफल बनाने के लिए जरा भी गंभीर नजर नहीं आ रहें। ऐसे ही एक मामला बहादुरगढ़ में भी नजर आ रहा है। ओडीएफ कार्यक्रम को असफल बनाने का यह मामला बहादुरगढ़ के शहीद भगत सिंह पार्क में देखा जा सकता है। भगत सिंह पार्क क्षेत्रफल के हिसाब से देवीलाल पार्क के बाद दूसरा सबसे बड़ा पार्क है। इस पार्क में सैकड़ों लोग प्रतिदिन सैर के लिए आते हैं। सैर के लिए आने वालों में महिलाओं की संख्या भी काफी होती है। पार्क में कोई शौचालय न होने से सैर के लिए आने वालों को काफी परेशानी होती थी। पार्क में शौचालय बनवाने के लिए लोगों ने काफी प्रयास किया, जिसके चलते प्रशासन ने करीब दो वर्ष पूर्व इस पार्क में महिलाओं व पुरूषों के लिए दो शौचालय बनवा दिए। पार्क मेंं दो शौचालय तो प्रशासन द्वारा करीब दो वर्ष पूर्व बनवा दिए गए परन्तु इन शौचालयों के बिल पास होते ही इनके ताले आज तक नहीं खुले हैं। शौचालयों के ताले खुलवाने के लिए स्थानीय लोगों ने अनेक बार अधिकारियों से आग्रह किया परंतु दो वर्ष बीत जाने के बाद भी दोनो शौचालयों के ताले आज तक बंद हैं। शौचालय बंद होने के चलतेे सैर के लिए आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों का मानना है कि एक तरफ तो भाजपा सरकार घर-घर शौचालय बनवाने के विज्ञापनों पर करोड़ो खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी पार्कों मेें शौचालय बनवाकर और बिल पास करवाकर सरकार व प्रशासन इन शौचालयों को दो-दो वर्ष तक जनता के लिए खोल नहीं पाती। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार व प्रशासन हरियाणा को खुले से शौचमुक्त करने के लिए विज्ञापनों में अधिक और धरातल पर कम सक्रिय नजर आ रहा है।
