बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
आरटीआई कार्यकर्ता एवं वार्ड नंबर-13 से पार्षद सीमा राठी के पति पूर्व पार्षद वजीर राठी को नगर परिषद में बुलाकर उनके साथ मार पीटाई करना बहुत ही निंदनीय है और यह स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए खतरा है। यह कहना है पूर्व विधायक नफे सिंह राठी का। यहां जारी बयान में पूर्व विधायक नफे सिंह राठी ने कहा कि पूर्व पार्षद के साथ नगर परिषद में हुई इस घटना में कहीं ना कहीं आपसी मिलीभगत नजर आती है, क्योंकि पहले तो वजीर राठी को नगर परिषद में योजनाबद तरीके से बुलाकर मार पिटाई की गई और उसके बाद उन्हीं के खिलाफ एक ही दिन में दो मुकदमें दर्ज करा दिए गए। इसमें कहीं ना कहीं कुछ कांग्रसियों व भाजपा नेताओ की जुगलबंदी दिखाई दे रही है। नगर परिषद में जानबूझ कर सीसीटीवी की रिकार्डिंग हटा दी गई। क्योंकि अगर वो रिकार्डिंग लोगों के सामने आती तो इस हमले के पीछे सभी आरोपियों की शिनाख्त आराम से हो जाती। कुछ लोग कानून का दुरुपयोग करके जनता द्वारा चुने गए नुमांइदों केखिलाफ मुकदमें दर्ज करा कर दमनकारी नीति अपना रहीं है। राठी ने कहा कि हाईटेंशन तार हटाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रहे वजीर राठी के प्रयासों से ही शहर के अधिकांश हिस्सों से तार हटाए गए थे और ऐसे जनहितैषी लोगों के साथ इस तरह की हरकत होती है तो वो अपने आप में बेहद शर्मनाक व निंदनीय है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो जल्द ही जनता सडकों पर उतरने पर मजबूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में यह भी जांच का विषय है कि जब शिकायत और सूचना वजीर राठी की ओर से पहले ही दे दी गई थी तो मुकदमा उलटा वजीर राठी के खिलाफ ही क्यों दर्ज किया गया। इसे पूरे मामले में यह साफ तौर से पता चलता है कि वजीर राठी के साथ मार पिटाई और मुकदमा दर्ज करने की योजना पहले से ही बना दी गई थी। उन्होंने कहा कि वजीर राठी पूर्व पार्षद होने केे साथ एक आरटीआई कार्यकर्ता भी है और शायद मारपिटाई करने वालों के खिलाफ वो कोई बडा घोटाला उजागर करने वाले थे। जिसके डर के कारण पहले उनके साथ मार पिटाई की गई और बाद में पहले शिकायत देने के बावजूद भी उन्हीं के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया गया। हमारी मांग है कि मामले की सही प्रकार से जांच हो और जो असलियत है वो जनता के सामने आए। ताकि भविष्य में इस तरह कोई सत्ता के नशे में चूर होकर किसी जनता की आवाज को उठाने वाले जन प्रतिनिधि के साथ ऐसी बदसलूकी ना हो। ऐसे प्रकरण लोकतंत्र का हनन है।