बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
बहादुरगढ़ व आसपास के एरिया के महान, दुकान में लोगों को अगर सांप, बिछु या कोई अन्य जहरीला जीव दिखाई देता है तो लोग स्नेक मैन ऑफ बहादुरगढ़ बलविंद्र राठी को तुरंत फोन कर बुलाते हैं। स्नेक मैन ऑफ बहादुरगढ़ बलविंद्र राठी वो शख्स है जो सांप या अन्य कोई जहरीला जीव किसी के रिहायशी या व्यवसायिक प्रतिष्ठान में दिखाई देने पर उस जहरीले जीव को पकड़कर उसके लिए सुरक्षित प्राकृतिक आवास में छोड़ देता है। स्नेक मैन ऑफ बहादुरगढ़ बलविंद्र राठी ने बताया कि इस पृथ्वी पर हर जीव का अपना महत्व है।राठी ने बताया कि हर सांप जहरीला नहीं होता। और जहरीले सांप को दिखाई देते लोग उसे मारने दौड़ते हैं। जबकि उस सांप को पकड़कर सुरक्षित प्राकृतिक आवास में छोड़ने का भी एक ऑप्शन है।राठी ने बताया वे अब तक अनेक सांपों व अन्य जहरीले जीवों का रेस्क्यू करके उनको प्राकृतिक आवास में सुरक्षित छोड़ चुके हैं। राठी ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से गोरक्षा का सेवा कार्य भी करते हैं। इस दौरान कई बार उसका सामना गोरक्षकों की गोलियों से भी हुआ है। स्नेक मैन ऑफ बहादुरगढ़ बलविंद्र राठी ने बताया कि वह जब भी किसी जीव को कठिनाई में देखते है तो अपनी जान की बाजी लगाकर उस जीव को बचाने का प्रयास करते हैं।राठी ने बताया कि भारत मे साँपो की 275 प्रजातियां पाई जाती है जिसमे अधिकांश विषहीन और हानिरहित हैं। इसलिए हम साँपो को अपना दुश्मन ना समझें, साँप को किसानों का मित्र कहा जाता है, ऐसा इसलिए की साँप चूहों का शिकार कर उनकी संख्या को नियंत्रित करता हैं, चूहों की सफाई करके हमे उसके पैदा करने वाले रोगों से तो बचाता ही है साथ साथ हमारी फसलों की हिफाजत भी करता है । जब साँप हमें देखता तो सब से पहले खुद को छिपाना चाहता है , अगर आप उसे रोकने की कोशिश करेंगे तो इस स्थिति में साँप अपनी जान बचाने के लिए मुकाबला कर सकता है ! जिसमे काटने का प्रयास कर सकता है लेकिन आदमी से आजतक कहाँ कोई ताकतवर हुआ है ? और हमारा यही अहंकार हमें विनाश की ओर ले जा रहा है आख़िरकार अंत में हम अस्त्र–शस्त्र से उसके प्राणों को उसके शरीर से निकाल कर ही दम लेते हैं, जिसमें अधिकांश बिषहिन् साँप ही मारे जाते हैं ।